शिक्षक बच्चों में राष्ट्रवाद, राष्ट्र प्रेम का पाठ पढ़ातेे हुुए चरित्रवान बनाते हैं- विधायक पवार नगर निगम ने शिक्षक दिवस पर 108 शिक्षक एवं 9 स्कूलों को सम्मानित किया

देवास। प्रथम गुरू हमारे माता पिता होते हैं माँ हमारे प्रारभिक जीवन में शिक्षा के रूप में आचरण, व्यवहार, संस्कार का ज्ञान प्रदान करती है। पिता हमें योग्य मार्ग प्रशस्त कर हमारे भविष्य को सुधारते हैं परंतु एक शिक्षक हजारों बच्चों में राष्ट्रवाद, राष्ट्र प्रेम का पाठ पढ़ातेे हुुए समग्रता से व्यक्तित्व का विकास कर उनको चरित्रवान बनाते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को संपूर्ण विश्व में सिरमोर बनाने हेतु अथक प्रयास रत हैं उसमें भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं शिक्षा का अहम योगदान रहेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 4 सितम्बर को भोपाल में 18 हजार शिक्षक शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर यह संदेश प्रसारित किया है कि राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा की नींव का पत्थर होती हैं। उक्त उद्गार देवास विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार के द्वारा स्थानीय मल्हार स्मृति आडिटोरियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक शिक्षिकाओं के सम्मान में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये गये। विधायक पवार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों से कहा कि सेवानिवृत्ति की उम्र भले ही निश्चित हो परंतु समाज सेवा, राष्ट्रीय सेवा में सदैव अपनी भूमिका निभाते रहें। उन्होंने भारत वर्ष की प्राचीनतम संस्कृत भाषा को सर्वश्रेष्ठ, उच्चकोटी की भाषा बताते हुए कहा कि इसका भी प्रचार प्रसार व्यापक तौर पर करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता देवास महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल ने की तथा उपस्थित गुरूजनों का स्नेही अभिनंदन कर शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। विशेष अतिथि के रूप में निगम सभापति रवि जैन, जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, पूर्व प्राधिकरण उपाध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, नेता सत्तापक्ष मनीष सेन, महामंत्री राजेश यादव, निगम मेयर इन काउंसिल सदस्य गणेश पटेल, धर्मेन्द्रसिह बैस, जितेन्द्र मकवाना, शीतल गेहलोत, अजय तोमर, राम यादव सहित पार्षद एवं पार्षद प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत सामान्य प्रशासन समिति प्रभारी पिंकी संजय दायमा ने किया। कार्यक्रम में निगम सभापति रवि जैन ने कहा कि गुरूजनों का सम्मान कर अभिभूत हैं जिन्होंने हमें ज्ञान, चरित्र एवं समाज सेवा का पाठ पढ़ाकर हमारे जीवन को संवारा है। जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने कहा कि शिक्षक बच्चों में ऐसी शिक्षा प्रदान करे जिसमें बढ़ते आधुनिक भारत में विज्ञान एवं तकनीक के साथ संस्कारों एवं राष्ट्र भावना का अलख जलता रहे। पूर्व प्राधिकरण उपाध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम गुरूवरों का सम्मान कर गौरवांवित हैं। पूर्व महापौर सुभाष शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस की परम्परा को कायम रखें। शिक्षकों का सम्मान हमारा नैतिक दायित्व है। महामंत्री राजेश यादव ने कहा कि भारत वर्ष में गुरूकुल परम्परा रही है जिसमें गुरूओं का पाद पूजन कर उनके प्रति सेवाभाव का आदर ही हमारे पूर्वजों, राजा महाराजाओं में भी रहा है। कार्यक्रम मे कोरोना काल में दिवंगत हुए शिक्षक स्व. अम्बाराम परमार के पुत्र अमित परमार को उनके पिता की सेवाओं हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में चिमनाबाई स्कूल की प्राचार्य दिव्या निगम, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधीर कुमार सोमानी का अतिथियों द्वारा पाद पूजन किया गया। तथा 56 सेवानिवृत्त शिक्षक शिक्षिकाओं, 52 श्रेष्ठ शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा 9 श्रेष्ठ विद्यालयों का शाल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती पूजन एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना से हुआ। मंच संचालन पंकज वर्मा ने किया तथा आभार संजय दायमा ने माना।
कार्यक्रम की अध्यक्षता देवास महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल ने की तथा उपस्थित गुरूजनों का स्नेही अभिनंदन कर शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। विशेष अतिथि के रूप में निगम सभापति रवि जैन, जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, पूर्व प्राधिकरण उपाध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, नेता सत्तापक्ष मनीष सेन, महामंत्री राजेश यादव, निगम मेयर इन काउंसिल सदस्य गणेश पटेल, धर्मेन्द्रसिह बैस, जितेन्द्र मकवाना, शीतल गेहलोत, अजय तोमर, राम यादव सहित पार्षद एवं पार्षद प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत सामान्य प्रशासन समिति प्रभारी पिंकी संजय दायमा ने किया। कार्यक्रम में निगम सभापति रवि जैन ने कहा कि गुरूजनों का सम्मान कर अभिभूत हैं जिन्होंने हमें ज्ञान, चरित्र एवं समाज सेवा का पाठ पढ़ाकर हमारे जीवन को संवारा है। जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने कहा कि शिक्षक बच्चों में ऐसी शिक्षा प्रदान करे जिसमें बढ़ते आधुनिक भारत में विज्ञान एवं तकनीक के साथ संस्कारों एवं राष्ट्र भावना का अलख जलता रहे। पूर्व प्राधिकरण उपाध्यक्ष दुर्गेश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम गुरूवरों का सम्मान कर गौरवांवित हैं। पूर्व महापौर सुभाष शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस की परम्परा को कायम रखें। शिक्षकों का सम्मान हमारा नैतिक दायित्व है। महामंत्री राजेश यादव ने कहा कि भारत वर्ष में गुरूकुल परम्परा रही है जिसमें गुरूओं का पाद पूजन कर उनके प्रति सेवाभाव का आदर ही हमारे पूर्वजों, राजा महाराजाओं में भी रहा है। कार्यक्रम मे कोरोना काल में दिवंगत हुए शिक्षक स्व. अम्बाराम परमार के पुत्र अमित परमार को उनके पिता की सेवाओं हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में चिमनाबाई स्कूल की प्राचार्य दिव्या निगम, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधीर कुमार सोमानी का अतिथियों द्वारा पाद पूजन किया गया। तथा 56 सेवानिवृत्त शिक्षक शिक्षिकाओं, 52 श्रेष्ठ शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा 9 श्रेष्ठ विद्यालयों का शाल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती पूजन एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना से हुआ। मंच संचालन पंकज वर्मा ने किया तथा आभार संजय दायमा ने माना।