अब तो मरजाता है रिश्ता ही बुरे वक्तो पर, पहले मरजाते थे रिश्तो को निभाने वाले— शकील आजमी सुबह 6 बजे तक चला अखिल भारतीय मुशायरा

देवास/ मल्हार स्मृति मंदिर भवन मे 86 वी दशहरा कृषिकला एवं औद्योगिक प्रदर्शनी (मीना बाजार) का अखिल भारतीय मुशायरा कई मायनो मे अपनी छाप छोड गया। रात्री 10 बजे से शुरू हुआ मुशायरा सुबह 6 बजे तक अपनी कामयाबी की गवाही दे रहा था। श्रोताओ से भरे हाल का मुख्य आकर्षण विधायक प्रतिनिधि श्रीमंत विक्रमसिह पवार थे। अखिल भारतीय मुशायरा के कार्यक्रम मे निगम सभापति रवि जैन, महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, पूर्व सभापति अंसार एहमद हाथी वाले, वरिष्ठ भाजपा नेता विजय पंडित,काजी नोमान एहमद अशरफी ने उपस्थित रहकर शेरो शायरी का आनंद लिया। कार्यक्रम मे श्रीमंत पवार ने कहा कि देवास शहर की गंगा जमनी तहजीब अपने आप मे एक मिसाल है। उन्होने स्वंय का उदाहरण देते हुये कहा कि मेरे एक कांधे पर भगवान श्री कृष्ण की पालकी रहती है तो उसी कांधे से मोहर्रम मे ताजिया भी उठाता हूॅ । यह विरासत मुझे मेरे पूर्वजो से मिली है। महापौर प्रतिनिधि श्री अग्रवाल ने कहा कि 86 वी रियासत कालीन प्रदर्शनी का अब तक सफल आयोजन नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। नई परिषद इसे ओर भव्य स्तर पर मनाने का कार्य करेगी। पूर्व सभापति श्री एहमद ने कहा कि स्वर्गीय महाराज श्रीमंत तुकोजीराव पवार का अर्शिवाद हम सब देवास वासियो पर है। उनका मार्गदर्शन आज भी हमे प्राप्त है। महाराज विक्रमसिह पवार के मार्ग दर्शन मे आगे भी कायम रहेगा। उन्होन इस शेर के साथ अपनी बात खत्म की, सात संदूको मे भरकर दफन कर दो नफरतें, आज इंसान को मोहब्बत की बहुत जरूरत है। देवास विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार किसी कारण कार्यक्रम मे उपस्थित नही हो सकी। उन्होने सभापति रवि जैन के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। मुशायरा मे मुंबई से आये देश के प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्री ख्याती प्राप्त व फिल्म गीतकार शायर शकील आजमी ने कहा कि, आसमानो से जमीनो को मिलाने वाले झूठे होते हें ये तकदीर बताने वाले, अब तो मरजाता है रिश्ता ही बुरे वक्तो पर, पहले मरजाते थे रिश्तो को निभाने वाले, बुरहानपूर से आये शायर नईम अख्तर खादमी ने कहा कि तरक्कीयो की दौड मे उसी का जोर चल गया, बना के जो अपना रास्ता भीड से निकल गया, चला के आंधियां किसे डराना चाहता था तु, जो मेरी झोपडी गई तो तेरा भी महल गया। देवबंद से आये शायर डॉ. नदीम शाद ने कहा कि मुश्किल कोई आन पडी तो घबराने से क्या होगा, जीने की तरकीब निकालो मरजाने से क्या होगा, सब मिलकर आवाज उठाओ तो कुछ चॉद पर रोब पडे, मे तन्हा जूगनू हूॅ मेरे चिल्लाने से क्या होगा। इसके अलावा अना देहल्वी दिल्ली, महशर आफरीदी रूडकी, असरार चंदेरवी चंदेरी, एजाज अंसारी दिल्ली, सुरेन्द्रसिह शजर दिल्ली, आदील रशीद दिल्ली, नासिर फराज उडीसा, सरवर कमाल झांसी, जावेद आसी यूपी, अल्तमश अब्बास रूडकी, सलोनी राणा आगरा, चॉद देवबंदी देवबंद, खूशबू रामपुरी रामपुर, इरफान शाहनूरी कोल्हापूर, नबील मिकरानी बिजनोर, डॉ. जाहीद नैयर अमरावती, अमजद आतीश खतोली, वसीम झिंझवानी यूपी आदि ने भी अपने—अपने कलाम पेश किये। मुशायरा की अध्यक्षता देश के वरिष्ठ शायर महेन्द्रसिह अश्क ने की तथा मुशायरे की निजामत (संचालन) अन्तर्राष्ट्री शायर अबरार काशिफ ने की। इस अवसर पर अतिथीयो व मुशायरा मे आने वाले शायरो का स्वागत निगम मेयर इन कांउसिल सदस्य एवं कवि सम्मेलन व मुशायरा समिती अध्यक्ष मुस्तफा अंसार एहमद हाथी वाले ने किया। इस अवसर पर निगम मेयर इन काउंसिल सदस्य गणेश पटेल, जितेन्द्र मकवाना, पार्षद बाली घोसी, राहूल दायमा, पार्षद प्रतिनिधि प्यारे मियां पठान, वसीम हुसैन, वरिष्ठ भाजपा नेता भरत चौधरी, उज्जैन से आये शकील पटवारी, जाहीद एहमद नूर, जब्बार शेख, रशीद भाई पत्रकार, वरिष्ठ नेता जुबेर एहमद मदनी, ब्राईट स्टार स्कुल के अध्यक्ष डॉ. हन्नान फारूकी, शब्बीर मंसूरी, हाजी लियाक हुसैन मिलन, मेला अधिकारी तुराब खान, निगम सहायक यंत्री सौरभ त्रिपाठी, जगदीश वर्मा, उपयंत्री जितेन्द्रसिसोदिया, प्र.जनसम्पर्क अधिकारी उमेश चर्तुवेदी आदि सहित हजारो श्रोता उपस्थित रहे। मंच संचालन शायर इस्माईल नजर ने किया।